बिसौल रामायण भवन पर तुलसी पूजन दिवस बड़े धूमधाम से मनाया गया
मेरठ से आए आचार्य देवशरण पाठक ने भक्तों को सामूहिक तुलसी पूजन कराया।

बिसौल मेरठ से आए आचार्य देवशरण पाठक ने भक्तों को सामूहिक तुलसी पूजन कराया। जहां एक ओर पूरे देश में पाश्चात्य सभ्यता का त्योहार क्रिसमस डे मनाया जा रहा है, वहीं सनातन संस्कृति को बचाने के लिए रामायण भवन पर सातवां भव्य तुलसी पूजन का आयोजन किया गया। मेरठ से आए आचार्य ने तुलसी पूजन संपन्न कराने के बाद सभी के साथ तुलसी जी की भव्य आरती की।बाद में आचार्य ने कहा कि तुलसी केवल एक पौधा नहीं है बल्कि तुलसी संपूर्ण धरा के लिए वरदान है। अत्यंत उपयोगी औषधि है। मात्र इतना ही नहीं यह तो मानव जीवन के लिए अमृत है। शारीरिक लाभ के साथ ही तुलसी का धार्मिक, आध्यात्मिक, पर्यावरणीय एवं वैज्ञानिक दृष्टि से भी विशेष महत्व है। वैसे तो तुलसी जी पांच प्रकार की होती है, लेकिन अपने क्षेत्र में प्राया रामा और श्यामा तुलसी जी अधिक मात्रा में पाई जाती हैं। तुलसी जी के पत्तों का सेवन करने से सैकड़ों रोगों का शमन होता है।वहीं हमारे ऋषि-मुनियों को हज़ारों-लाखो वर्ष पूर्व ही तुलसी जी के औषधीय गुणों का ज्ञान था इसीलिए इसको दैनिक जीवन में प्रयोग हेतु इतनी प्रमुखता से स्थान दिया गया है, आयुर्वेद में भी तुलसी जी के फायदों का विस्तृत उल्लेख मिलता है, हम सभी सनातनीयों को अपने-अपने घर पर एक तुलसी जी का पौधा जरूर लगाना चाहिए और उसकी नियमित पूजा भी करनी चाहिए, क्योंकि वेद पुराणों में कहा गया है तुलसी जी की पूजन करने से हमारे सभी पापों का नाश होता है और हमें सुख एवं समृद्धि प्राप्त होती है।मुख्य आयोजक पं. देवेश शंखधार ने कहा कि हमें ऐसे धार्मिक आयोजनों में अपने पूरे परिवार के साथ सम्मिलित होना चाहिए, जिससे हमारे बच्चों में अच्छे संस्कारों की नींव पड़ सके। इस अवसर पर राजेन्द्र वार्ष्णेय, गगन उपाध्याय, मधुर पाठक आदि उपस्थित रहे।