
योगी ने बाबा विश्वनाथ की पावन भूमि पर आयोजित इस कार्यक्रम का स्वागत करते हुए कहा कि यह अवसर एक संत की साधना और उनकी यौगिक साधना से जुड़ने का है। उन्होंने आगे कहा, “विहंगम योग भारत के योग को जन-जन तक पहुंचाने के लिए संकल्पित है, और प्रधानमंत्री मोदी ने स्वयं इसकी साधना की थी।” मुख्यमंत्री ने यह भी बताया कि देश को आजादी दिलाने वाले आंदोलन से भी सदादेव फल जी महाराज जुड़े हुए थे, जो कहते थे, “हर कार्य देश के नाम, और देश के नाम काम मत और मजहब से ऊपर उठकर होना चाहिए।”योगी आदित्यनाथ ने काशी में हो रहे विकास का भी जिक्र किया और कहा कि प्रधानमंत्री मोदी के नेतृत्व में काशी का कायाकल्प हुआ है। “काशी अब दुनिया का सबसे बड़ा स्नान घाट और हेलीपैड वाला स्थल बन चुका है,
जहां सड़क, रेल और वायुसेवा की कनेक्टिविटी बेहतर हुई है।” उन्होंने यह भी बताया कि काशी से हल्दिया तक जलमार्ग का उपयोग किया जा सकता है, जो यात्रा को और आसान बनाएगा।प्रधानमंत्री मोदी की पहल से योग को वैश्विक मंच पर पहचान मिली है, और इसी कड़ी में इस बार 21 जून को विश्व योग दिवस मनाया गया। योगी ने अयोध्या में रामलला की विराजमान होने की तारीख 22 जनवरी 2024 का भी उल्लेख किया और इसे ऐतिहासिक वर्ष बताया।मुख्यमंत्री ने इस अवसर पर स्वर्वेद मंदिर के उद्घाटन की भी सराहना की, जिसे एक साल पहले पीएम मोदी ने किया था। उन्होंने कहा, “यह मंदिर शताब्दी समारोह से जुड़ने का मौका हमें मिला है, जहां लाखों लोग एक साथ आए हैं और विज्ञान की पद्धतियों का पालन करते हुए पंडाल लगाए गए हैं।” योगी ने अंत में सद्गुरू सदाफलदेव जी महाराज की स्मृतियों को नमन किया और ट्रस्ट से जुड़े सभी पदाधिकारियों का धन्यवाद किया।