राम कथा के छठे दिन राम वनवास का सुनाया मार्मिक प्रसंग
श्री सिद्ध बाबा धाम पर चल रहे श्री लक्ष्मी नारायण महायज्ञ और श्री राम कथा के छठे दिन कथा व्यास आचार्य सोमदत्त महाराज ने श्रीराम वनवास की कथा का प्रसंग सुनाया

बिसौली-श्री सिद्ध बाबा धाम पर चल रहे श्री लक्ष्मी नारायण महायज्ञ और श्री राम कथा के छठे दिन कथा व्यास आचार्य सोमदत्त महाराज ने श्रीराम वनवास की कथा का प्रसंग सुनाया। जैसे ही राम वनगमन की कथा शुरु हुई तो श्रोताओं की आंखों से आंसू छलक पड़े।कथावाचक आचार्य सोमदत्त महाराज ने कथा का रसपान कराते हुए कहा कि अयोध्या के कोप भवन में कैकेयी ने राजा दशरथ से दो वचन मांगे। जिस पर राजा दशरथ ने कहा कि रघुकुल रीति सदा चल आई, प्राण जाई पर वचन न जाई… यह सुनते ही कैकेयी ने राजा दशरथ से अपने दो वचनों में से पहला वचन अपने पुत्र भरत को अयोध्या की राजगद्दी मांग ली तथा दूसरा भगवान श्रीराम को 14 वर्ष का वनवास मांगा।
कैकेयी के यह कटु वचन सुनते ही महाराजा दशरथ के होश उड़ गए। वहीं जब भगवान श्रीराम को इस बात का पता चला तो वह पिता के वचन को निभाने के लिए वन जाने को खुशी-खुशी तैयार हो गए। भगवान श्रीराम के वन जाने की बात सुनते ही माता सीता और लक्ष्मण भी उनके साथ वन जाने को तैयार हो गए। राम जी के मना करने के बाद भी लक्ष्मण नहीं माने। जिसके बाद तीनों अयोध्या से वन के लिए निकल पड़े। सिद्व बाबा आश्रम के महंत सोहन दास जी ने लक्ष्मी नारायण महायज्ञ की पूर्णाहुति एवं भंडारा और श्री राम कथा के समापन पर सभी ग्रामवासी और क्षेत्र वासियों से सहयोग और अधिक से अधिक संख्या में आने की अपील की है