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पीडब्ल्यूडी के अधिकारियों ने तीन साल पहले ही बिसौली के रानेट चौराहा पर बने सोत नदी के पुल को जर्जर घोषित कर दिया था

विभाग की लापरवाही से 50 गांवों की करीब एक लाख की आबादी प्रभावित है

बिसौली। लोक निर्माण विभाग (पीडब्ल्यूडी) की लापरवाही की वजह से रोजाना दस हजार से अधिक वाहन चालक जान जोखिम में डालकर सोत नदी के पुल के नीचे कच्चे रास्ते से होकर निकल रहे हैं। वहीं विभाग पिछले दो महीने से काम शुरू कराने की बात कह रहा है, लेकिन अब तक महज झाड़ियां ही साफ हुईं हैं। जगह-जगह मिट्टी के ढेर लगे हैं, अगर बारिश हो जाए तो रास्ता पूरी तरह से बंद हो सकता है। विभाग की लापरवाही से 50 गांवों की करीब एक लाख की आबादी प्रभावित है।पीडब्ल्यूडी के अधिकारियों ने तीन साल पहले ही बिसौली के रानेट चौराहा पर बने सोत नदी के पुल को जर्जर घोषित कर दिया था, लेकिन नए पुल निर्माण की प्रक्रिया शुरू कराना विभाग भूल गया। दो साल तक वाहन पुल के ऊपर से ही गुजरते रहे। बीते नवंबर में पुल पर से आवागमन रोक दिया गया। कोई पुल पर न जा सके इसके लिए पुल के दोनों ओर दीवार खड़ी करा दी गई। बैरिकेडिंग भी लगा दी गई।पुल को लेकर प्रस्ताव शासन को भेजा गया है। अब तक प्रस्ताव ही पास नहीं हुआ है। पास होने के बाद भी करीब दो साल इसे बनने में लगेंगे। इसके बाद पुल के नीचे ही पक्का मार्ग बनाने का प्रस्ताव पास हुआ। इसके लिए शासन ने 1.45 करोड़ रुपये की धनराशि स्वीकृत की।पुल बंद होने के बाद से लोग 16 किलोमीटर का फेर लगाकर रानेट चौराहे तक पहुंच रहे हैं। ऐसे में अधिकांश लोग पुल के नीचे से ही निकल रहे हैं। पुल के नीचे रास्ता बनाने के लिए टेंडर भी हो चुका है, लेकिन अब तक यहां सड़क व पुलिया का निर्माण शुरू नहीं हो सका है। काम शुरू होने के नाम पर महज झाड़ियां ही हटाई गईं हैं। बीते माह विभाग की तरफ से कहा जा रहा था कि मार्च तक काम पूरा हो जाएगा। अभी मार्च आने वाला है, काम ही शुरू नहीं हो सका है।बड़े वाहनों को रानेट चौराहा पहुंचने के लिए 16 किमी चलना पड़ रहा अतिरिक्त सोत नदी पर बने पुल से रोजाना करीब आठ से दस हजार वाहन गुजरते थे। इनमें ट्रक, बस, ट्रैक्टर-ट्रॉली व दो पहिया वाहन शामिल हैं। यह रास्ता बिसौली होते हुए कछला की तरफ जाता है। रास्ता बंद होने के कारण बड़े वाहन 16 किमी का फेर लगाकर रानेट चौराहा होकर आगे जा रहे हैं। वहीं बाइक सवार व छोटे वाहन पुल के नीचे कच्चे रास्ते से ही होकर आ-जा रहे हैं। सड़क बन जाने से बड़े वाहन भी इस रास्ते से आ जा सकेंगे।फिलहाल पूरे मार्ग की झांड़ियां साफ करा दी गईं है। रास्ता समतल कराए जाने का काम जारी है। एक दो-दिन में कच्चे रास्ते पर कहीं-कहीं मिट्टी डालने का काम भी शुरू करा दिया जाएगा। पूरा रास्ता समतल होते ही सड़क डालने का काम शुरू किया जाएगा।

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