बदायूं। राजकीय मेडिकल कॉलेज फैकल्टी की कमी से जूझ रहा
मेडिकल कॉलेज में छात्रों को पढ़ाने के लिए फिजिशियन व ईएनटी सर्जन नहीं

बदायूं। राजकीय मेडिकल कॉलेज फैकल्टी की कमी से जूझ रहा है। 400 छात्र-छात्राएं डॉक्टर बनने के लिए पढ़ाई कर रहे हैं। जबकि, हाल यह है कि यहां ईएनटी सर्जन व मेडिसिन के प्रोफेसर के बिना ही पढ़ाई चल रही है। सवाल यह है कि भविष्य में ये बच्चे कैसे डाॅक्टर बनेंगे।मेडिकल कॉलेज में छात्रों को पढ़ाने के लिए फिजिशियन व ईएनटी सर्जन नहीं हैं। वहीं, विशेषज्ञ डॉक्टर न होने से मरीज भी भटकने को मजबूर हैं। यहां एसोसिएट, असिस्टेंट प्रोफेसर सहित अन्य फैकल्टी के 80 पद रिक्त चल रहे हैं।बदायूं में डॉक्टर तैयार करने के साथ जिले के मरीजों को बेहतर इलाज मुहैया कराने के उद्देश्य से 650 करोड़ रुपये की लागत से वर्ष 2015 में मेडिकल कॉलेज का संचालन शुरू किया गया। लंबे समय बाद भी इस मेडिकल कॉलेज में जरूरत के मुताबिक कई फैकल्टी शुरू नहीं हो सकी।यहां प्रोफेसर के 40, एसोसिएट प्रोफेसर के 80 और असिस्टेंट प्रोफेसर के 120 पद स्वीकृत हैं।
इनमें प्रोफेसर के 10, एसोसिएट प्रोफेसर के 30 और असिस्टेंट प्रोफेसर के 40 पद रिक्त चल रहे हैं। इसके अलावा यहां तीन कैज्युल्टी ऑफिसर की तैनाती नहीं हो सकी है। इन हालात में जहां फैकल्टी की कमी से मेडिकल के छात्रों की पढ़ाई प्रभावित हो रही है, वहीं विशेषज्ञ डॉक्टर के न होने से मरीजों को हायर सेंटर भेजना मजबूरी बनी हुई है।दो साल से फिजिशियन नहीमेडिकल कॉलेज में दो साल से फिजिशियन नहीं हैं। इससे इलाज से लेकर छात्रों की पढ़ाई प्रभावित हो रही है। यहां करीब चार सौ एमबीबीएस के छात्र हैं, जो प्रभावित हैं। इसके अलावा मेडिकल कॉलेज में दो साल बाद भी रेडियोलॉजिस्ट की तैनाती नहीं हो सकी है। रेडियोलॉजिस्ट के जाने के बाद अल्ट्रासाउंड कराने के लिए भी लोग भटक रहे हैं।फैकल्टी की नियुक्ति प्रक्रिया को कई बार पत्राचार किया जा चुका है। शासन स्तर पर प्रक्रिया चल रही है। उम्मीद है यहां फैकल्टी की कमी जल्द दूर होगी। – डॉ. अरूण कुमार, प्राचार्य, राजकीय मेडिकल कॉलेज।